दोस्तों आज आप सबकी रिक्वेस्ट पर इस ऑर्टकल में हम श्री हनुमान चालीसा के 21 दिन के संकल्प , hanuman chalisa ka sankalp vidhi और उससे जुड़े नियमों के बारे मे जानेंगे।
दोस्तो पूजा- पाठ में हनुमान चालीसा का बहुत ही महत्व है। हनुमान चालीसा के सरल शब्दों से राम भक्त हनुमान जी को बहुत जल्दी प्रसन कर सकते हैं। हनुमान चालीसा के मुश्किल काम को आसान किया जा सकता है और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
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हनुमान चालीसा की 40 पंक्तियां हमारे किसी भी काम को सिध्द कर सकती हैं। हनुमान जी को कभी हार का सामना नहीं करना है। इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ क्षध्दा पूर्वक करके कोई भी व्यक्ति हनुमान जी की कृपा आसानी से प्राप्त कर लेता है। इसलिए हनुमान चालीसा का पूजा-पाठ में बहुत ही महत्वपूर्ण सथान हैं
हनुमान चालीसा का पाठ विधि पूर्वक करने से मनोवांछित फल की प्राति होती है और दुष्ट लोगों से रक्षा होती है।
दोस्तो मुझे कई लोगों ने सवाल पूछा था की क्षी हनुमान चालीसा के पाठ का 21 का संकल्प कैसे ले?
तो आज इस ऑर्टकल hanuman chalisa ka sankalp vidhi के माध्यम से हम इस बात को जानेंगे।
सबसे पहले मंगलवार या शनिवार के दिन ब्रहा मुहूर्त में उठें, फिर नहा-धोकर अपने नित्य क्रम से निपटने के बाद, सवच्छ वस्त्र धारण करें और आसन बिधाकर बैठ जाए और एक जल मे भरा पात्र, फूल व चावल भी ले ध्यान रखें की घर के मंदिर में साफ सफाई होना जरूरी है, प्रभु की मृति या फोटो ले, उन्हें सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर तिलक करे , अगर घर में क्षी हनुमान जी की मूर्ति या फोटो न हो तो मानसिक पूजा करें।
फिर धूप-दीप करके सर्वप्रथम आप गणेश जी की आराधना करें, फिर प्रभु क्षी राम का संमरण करें आप चाहे तो राम-नाम की धुन कर सकते है और फिर दाहिने हाथ में चावल और फूल लेकर क्षी हनुमान जी के ध्यान मंत्र का जय करें। जो कि नीचे दिया गया है —
अतुलितबलधामं हेक्षशैलाभदेहम, दनुजवनकृशानुं , जानिनाग्रगष्यम, सकलगुणनिधानं, वानराणामधीशम, रधुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।
ऊँ हनुमते नमः ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि।
मंत्र ओहचरण के बाद हाथ में लिए हुए चावल और फूल श्री हनुमान जी को आपित कर दें। उसके बाद हनुमान जी को प्रणाम करके हनुमान चालीसा पाठ का संकल्प लें।