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नमस्कार दोस्तों बहुत सारे लोगो के सबाल है कि danitol insecticide uses in hindi गुलाबी इल्ली (पिंक बॉलवर्म) या सुंडी तो आए ऐ आज आपके सभी सबालों के उत्तर देते है। और आपको सही जानकारी देते है, ता कि आप गलत जगह ना फस जाए।डेनिटोल गुलाबी इल्ली (पिंक बॉलवर्म) या सुंडी के लिए सबसे अच्छा कीटनाशक

आइए गुलाबी इल्ली के बारे में जानते है

गुलाबी इल्ली एक कीट होता है। इसका एक वैज्ञानिक नाम पैक्टीनीफोरा गोंसीपीला है। ये अपने जीवनकाल के दौरान अलग-अलग प्रकार के चार अवस्थाओं से गुजरता है। सामान्य रूप से फल में कलियां व फूल आने के बाद ही इस कीट का उपद्रव शुरू होता है। कई बार कीटग्रस्त फूलों की पखुड़ियां आपस में मिल जाती है।

यह दूर से देखने पर गुलाब की पखुड़ी की तरह ही दिखाई देती है। अंडे में निकली छोटी- छोटी इल्लीयां फूल व छोटे गोल्स में सूक्ष्म छिद्र बनाकर उनके अंदर आसानी से प्रवेश कर जाती है। इससे फूल व गोल्स गिर जाते है। इससे फसलों को सीधा नुकसान भी होता है।

गुलाबी इल्ली से बचाव की जरुरत

गुलाबी इल्ली के कारण कलियों का न खुल पाना, बीजकोष का गिरना, रेशों को क्षति और बीज हानि होती है। गर्मी की शुरुआत में, लार्वा की पहली पीढ़ी कलियां खाती है जो वृद्धि करके फूल बन जाती हैं।

संक्रमित फूलों की पंखुड़ियां लार्वा के सिल्क धागे से एक-दूसरे से बंधी हो सकती हैं। दूसरी पीढ़ी के लार्वा बीजों तक पहुंचने और उन्हें खाने के लिए बीजकोष और रेशों को खाते हुए आगे बढ़ते हैं। रेशा कट जाता है और उसमें दाग़ लग जाता है जिससे गंभीर गुणवत्ता हानि होती है।

गुलाबी इल्ली के लिए सबसे अच्छा कीटनाशक – डेनिटोल

डेनिटोल एक ऐसी तकनीक से बना प्रोडक्ट है जो गुलाबी सुंडी (इल्ली) पर पूरी तरह नियंत्रण करता है। दोस्तों गुलाबी सुंडी या इल्ली आपके कपास के टिंडे में नुकसान करना शुरू करती है और शुरुवाती दौर में ये कपास के फूल पर पायी जाती है।

ये फूल से कपास के परागकण खाने के साथ-साथ जैसे ही कपास का टिंडा तैयार होता है ये उसके अंदर चली जाती है और टिंडे के अंदर के कपास के बीज को खाना शुरू कर देती है।

इस कारण कपास का टिंडा अच्छी तरह से तैयार नहीं हो पाता है और कपास में दाग लग जाता है जिससे कई बार जब हम टिंडे से कपास निकालते है तो काला कपास निकलता है जो बाजार में बेचने लायक नहीं होता। इसी कारण गुलाबी सुंडी या इल्ली जब भी नुकसान पहुंचाती है हमें पूरा टिंडा खोना पड़ता है और हमारी फसल की उपज को नुकसान पहुंचता है।

danitol insecticide uses in hindi

आइये अब हम जानते की डेनिटोल का उपयोग कपास की फसल में कैसे करना है। गुलाबी सुंडी या इल्ली के रोकथाम के लिए आपको डेनिटोल के कम से कम 3 छिड़काव करने होंगे, आइये जानते है की ये छिड़काव आपको कब और कितनी मात्रा में करने है।

कपास की बुआई के 40 से 45 दिन में कपास की फसल में फूल अवस्था पाई जाती है। जैसे ही आपके कपास में 20 से 30% फूल आना शुरू हो जाता है उसी दौरान आपको 15 लीटर पानी में 40 मिली डेनिटोल लेकर उसका छिड़काव आपको अपनी कपास की फसल पर पहला छिड़काव करना है।

इस पहले छिड़काव के बाद आपको डेनिटोल का दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 13 से 15 दिन के बाद करना है। इस छिड़काव की मात्रा भी 40 मिली प्रति 15 लीटर पानी में ही रहेगी।

तीसरा छिड़काव आपको दूसरे छिड़काव के 15 दिन बाद करना है इस छिड़काव की मात्रा भी 40 मिली प्रति 15 लीटर पानी में ही रहेगी।

डेनिटोल इस्तेमाल करने के फायदे

भारत के कई प्रदेशो में किसानो ने डेनिटोल का इस्तेमाल करके गुलाबी इल्ली या सुंडी से 100 प्रतिशत छुटकारा पाया है|

विवरण डैनिटोल एक अत्यधिक प्रभावी, व्यापक स्पेक्ट्रम का किफायती कीटनाशक है जिसमें सक्रिय संघटक फेनप्रोपेथ्रिन होता है।
डेनिटोल उन उत्पादकों के लिए एक अच्छा विकल्प है,

जिन्हें विभिन्न प्रकार के सख्त कीटों से खतरा है, जिनमें नाभि नारंगी कीड़ा, ओरिएंटल फल पतंगा, अखरोट की भूसी मक्खी, थ्रिप्स, लीफ रोलर्स, फल कृमि, जापानी बीटल और माइट्स शामिल हैं। खुराक: 1.5 से 2 मि.ली./ लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाएँ और स्प्रे करें।

यदि आपको danitol insecticide uses in hindi  द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगी है ,और आपको इससे जरा सी भी help मिली है ,तो आप हमे comment करके बता सकते हैं। साथ ही आप इस जानकारी को अपने friends और relatives के साथ भी जरूर share करना । धन्यवाद

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