Global Warming Se Bachne Ke Upay

global warming इस शब्द को हम सब ने सुना है, पढ़ाई करते समय पड़ा भी है लेकिन आज हम इस पर ध्यान नहीं दे रहे, क्योंकि आज का इंसान बहुत ही निस्वार्थ हो चुका है। आज हम सब इस को नजर अंदाज कर रहे हैं लेकिन आने वाले समय में यह बहुत बड़ी समस्या बनकर सामने आएगी ,जो आज भी समस्या है। आज हम इस आर्टिकल में हम Global Warming Se Bachne Ke Upay के बारे में बात करेंगे साथ ही जानेगे के global warming के कारण और खतरे क्या है। और ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के उपाय

global warming in hindi

global warming -पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ते रहना, ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाना, कार्बन डाइऑक्साइड, Methane Gas nitrous oxide की मात्रा बढ़ जाना, पृथ्वी पर प्रदूषण बढ़ना, कमजोर जीव जंतुओं की प्रजाति धीरे-धीरे समाप्त हो जाना, पृथ्वी पर पेड़ पौधों की संख्या में कमी हो जाना, global warming कहलाता है।

global warming ke karan in hindi ( ग्लोबल वार्मिंग के कारण इन हिंदी )

1 जागरूकता की कमी

लोगों में global warming के प्रति जागरूकता कम है, कम इसलिए है क्योंकि ना तो सरकार इसके ऊपर कोई ध्यान दे रही है न ही लोक , सरकार द्वारा कानून बनाए गए हैं परंतु देश के विकास के नाम पर सरकार खुद ही इन कानूनों की पालना नहीं करती।

2 जनसंख्या

जनसंख्या में हो रही बढ़ोतरी के कारण मनुष्य की जरूरतें भी बढ़ रही हैं और बढ़ती हुई जरूरतो को पूरा करने के लिए मनुष्य पृथ्वी को ही अपना निशाना बना रहा है।

3 पेड़ों की कटाई


कार्बन सोखने वाले जंगल को अंधाधुंध तरीके से काटा जा रहा है। कहीं से रेल की लाइन निकलती है और कही स्मार्ट सिटी बनती है और वहां पर 20/20 किलोमीटर तक के जंगलों को खत्म कर दिया जाता है।

4 इंधन का ज्यादा इस्तेमाल करना

इंसानी गतिविधियों से जो भी CO2 (Carbon Dioxide) पैदा हुई है उसकी बड़ी वजह इंधन का इस्तेमाल है। जानी कोयला पेट्रोल डीजल और धरती से निकलने वाली गैसों का इस्तेमाल। इसकी शुरुआत 1750 में हुई जब औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई। तब से अब तक हमारे पृथ्वी में CO2 की मात्रा 30% बढ़ चुकी है। इसका मतलब अब CO2 जितना हमारे पृथ्वी में है इतना 8000 साल के इतिहास में कभी भी नहीं था।

5 Ac ,फ्रिज , cooling मशीन

इंसान अपनी सुख-सुविधाओं में इतना खो चुका है कि वातावरण का उसको कोई ध्यान नहीं है। AC , फ्रिज जैसी cooling मशीने हवा में नमी को सूखती हैं और और वायुमंडल को प्रभावित करती हैं। हमें चाहिए कि इनका उपयोग कम से कम किया जाए।

global warming ke khatre (ग्लोबल वार्मिंग के खतरे)

दुनिया में भारी वर्षा, बाढ़, सूखा, तूफान, चक्रवात जैसी आपात स्थितियां कही अधिक बढ़ना।

गर्म अक्षांशों में वर्षा घटने से सूखे जैसी स्थिति से कृषि की पैदावार घटना।

बर्फ के सर्दियों में तेजी से पिघलने से गर्मी में नदियों में पानी की कमी हो जाना।

भारत जैसे देश में 7000 किलोमीटर लंबा समुद्रतट है और भारत की चौथाई जनसंख्या तट के 50 किलोमीटर के अंदर बसती है, समुद्र का जल स्तर बढ़ने से जमीन डूबने, खेत, घर, बस्तियां व नगर नष्ट होने, खारा पानी तटों पर अंदर आने जैसे खतरनाक प्रभाव हो सकते हैं।

जो देश लगभग पूरे द्वीप हैं और समुद्र तट पर ही बसे हैं, जैसे बांगलादेश, मालदीव, मॉरीशस आदि, उनके लिये भारी खतरा है।मलेरिया जैसे रोगों और उन्हें फैलाने वाले कीटों का दूसरे इलाकों पर हमला बोलना।
धान जैसी ज्यादा पानी वाली फसलों की खेती में कमी आना।

इन सब प्रभावों की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ेगी जो बाढ़ और सूखे से अपने को बचा नहीं सकते, जिन्हें पानी के लिये दूर जाना पड़ता है, जिनकी खेती केवल वर्षा पर निर्भर है, जो वनों पर बहुत निर्भर करते हैं और जो मछुआरे हैं आदि।

Global Warming Se Bachne Ke Upay (ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के उपाय )

1 सभी लोगों को पेट्रोल, डीजल और बिजली का उपयोग कम करना होगा जिससे हानिकारक गैसों की मात्रा को कम किया जा सके।

2 अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा और पेड़ों को कटने से बचाना होगा।

3 दुनिया भर में सरकारी एजेंसियों, NGO इत्यादि के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाए।

4 वाहनों और उद्योगों से निकलने वाली हानिकारक गैसों के लिए उचित निस्तारण की व्यवस्था की जाए।

5 ऐसी सभी चीजों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए जिससे ओजोन परत कमजोर होती जा रही है।

6 घर, ऑफिस इत्यादि जगहों पर ऐसी लाइट्स का प्रयोग करना चाहिए जिसमें ऊर्जा की खपत कम हो।

7 जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय अपनाने चाहिए।

8 जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण किया जाना चाहिए।

9 ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए जिन्हें दोबारा रीसाइक्लिंग या पुनः उपयोग नहीं किया जा सके।

10 फ्रिज, एयर कंडीशनर इत्यादि मशीनों का इस्तेमाल कम से कम होने से हानिकारक गैसों की मात्रा कम होगी।

11 कारखानों में कोयले और तेल के जलने के स्तर को कम करना चाहिए।

12 टेक्निकल डेवलपमेंट की मदद से ग्लोबल वार्मिंग से निपटा जा सकता है, ऐसे रेफ्रिजरेटर्स का अविष्कार होना चाहिए जिसमें सीएफसी का इस्तेमाल बिल्कुल ना हो।

वैज्ञानिकों द्वारा बताए गयी कुछ बातें।

विश्व मौसम विकास संगठन का कहना है व्यापक औद्योगिकरण शुरू होने से पहले अब तक पृथ्वी का तापमान 1% बढ़ चुका है।

कई रिसर्च यह भी बताती हैं कि 1850 से लेकर अब तक पृथ्वी के तापमान में डेट % की बढ़ोतरी हो सकती है। और अगर यह बदलाव 2% हो गया तो यह बर्बादी की शुरूआत होगी।

बढ़ते हुए तापमान की वजह से पृथ्वी के ध्रुव पर जमी हुई बर्फ पिघल रही है और इसका असर हम समुंदर तल में दिनों दिन हो रही बढ़ोतरी के रूप में देख रहे हैं।

2005 से 2015 के बीच इन 10 सालों में समुद्र तल में हर साल 3 मिलीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। अगर यह ऐसे ही बढ़ता रहा तो दुनिया के बड़े शहर और देश सुंदर में समा सकते हैं।

बढ़ते हुए तापमान की वजह से मौसम में बदलाव आ रहे हैं और बेमौसमी बारिश हो रही है।

scientist का कहना है कि अगर तापमान वृद्धि को डेट डिग्री सेल्सियस पर रोक लिया जाए तो यह सुरक्षित होगा। परंतु दुनिया के देश अभी भी नफा नुकसान का हिसाब लगा रहे हैं।

यह article global warming in hindi , Global Warming Se Bachne Ke Upay आपको कैसा लगा ,और आप global warming को किस तरह देखते है, हमे comment करके बता सकते हैं। साथ ही आप इस जानकारी को अपने friends और relatives के साथ भी जरूर share करना धन्यवाद

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